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सऊदी अरब ने बदली अपनीपरम पराओं की नीतियां और लिया बड़ा फैसला अब सऊदी अरब ने खोल दिए महिलाओं के पंख और कहा उन्हें भी है उड़ने का हक़। जैसा की हम जानते हैं कि सऊदी अरब एक इस्लामिक देश है, जहाँ महिलाओं को पूर्ण रूप से काम करने की या अन्य कई ऐसे बाते जहाँ महिलाओं के हाँथ बधें हुए थे। लेकिंन अब वो दौर आ गया जिसने सबको अपने अपने काम करने का हक़ है चाहे पुरुष हो या फिर महिला। हालही में देश ने एक बड़ा कदम उठाया है जो की अभी तक किसी मायने में ऐसा सोचा नहीं जा रहा था। सऊदी अरब ने अपने देश की दो महिलाओ को अंतरिक्ष यात्री 2023 की दूसरी तिमाही में अंतरिक्ष यात्रा पर भेजने का फैसला किया हैं। यह दोनों यात्री AX-2 स्पेस मिशन के क्रू में शामिल हैं।
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कहा जाता हैं बढ़ाओ जीवन में हो या पर्यावरण में य अति आवश्यक माना जाता हैं जिस किसी वक्त वास्तु या देख ने अपने आप को बदला नहीं तो वो निचे की ओर चला जाता हैं। रूढिवादी देश सऊदी अरब इन दिनों बदलाव के दौर से गुजर रहा है। अरब देश ने अपने लिए फैसले को पूर्ण करने का वादा किया साथ ही कहा की अब वो एक और बड़ी पहल करने जा रहा है, जिसके तहत सऊदी अरब ने पहली बार महिला अंतरिक्षयात्री को स्पेस मिशन पर भेजने का फैसला किया है।

कौन होंगी सऊदी अरब की पहली महिला अंतिरक्षयात्री
हम अभी तक देखते आये हैं कि लगभग हर देश की महिलाएं अंतिरक्षयात्रा पर गयी हुई हैं, लेकिन अभी तक इतिहास में सऊदी अरब से कोई महिला अंतरिक्ष यात्रा पर नहीं गयी हुई हैं। लेकिन यहाँ की सरकार ने सारे नियम को साइड कर के एक बड़ा कदम उठाया हैं, कहा गया है की अब सऊदी की महिला भी भेजी जाएँगी अंतरिक्षयात्रा पर और खुलासा किया गया कि रेयाना बरनावी, सऊदी अरब की पहली महिला अंतिरक्षयात्री होंगी, जो इस साल के अंत में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरेंगी। रेयाना बरनावी के साथ सऊदी अरब के अंतरिक्ष यात्री अली अल करनी भी स्पेस जाएंगे।
कौन है अरब का पहला मुस्लिम जो अंतरिक्ष पर पहुंचे थे।
हालही में सऊदी ने एक बड़ी घोषणा की हैं जिसमे अरब की ओर से पहली बार कोई महिला अंतरिक्ष पर भेजी जा रही है। यदि अपने कही पढ़ा या सुना हो की सऊदी ने इससे पहले साल 1985 में सऊदी युवराज सुल्तान बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज भी अमेरिका के स्पेस मिशन के साथ अंतरिक्ष गए थे और इस तरह वह अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अरब मुस्लिम बने थे।

आधुनिक युग में हम आप देख रहे हैं हमरे ही देश में गाड़ियों की संख्या दिन प्रति दिन पड़ती जा रही हैं। इसे को देखते हुए ये कहा जा रहा हैं कि यदि इस इसको इलेक्ट्रिक के रूप में परिवर्तित न किया गया तो दुनिया की चमक धीरे धीरे काम होती जाएगी और एक दिन ये ख़त्म हो सकता हैं। तेल का सबसे बड़ा स्रोत सऊदी अरब को माना जाता हैं। अरब देश ही दुनिया में तेल को पहुंचते हैं। इस बात को सऊदी अरब बहोत अच्छे से समझता हैं की अगर ऐसे ही वह दुनिया के सभी देशो को तेल देता रहा तो एक दिन उसके खुद के लिए तेल नहीं पचेगा।
सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में सऊदी अरब में महिलाओं को पुरुषों के बिना भी विदेश यात्रा की अनुमति दे दी गई है। साथ ही सऊदी अरब में कामकाजी महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। साल 2016 में सऊदी अरब में कामकाजी महिलाओं की संख्या 17 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 37 फीसदी हो गई है।
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